क्यों नहीं सुनते विराट की पुकार? क्यों नहीं देखते क्रांति के आसार? क्यों नहीं सुनते विराट की पुकार? क्यों नहीं देखते क्रांति के आसार?
सत्य को बचाओ धरा पे सत्य को बचाओ धरा पे
सरल, सहज भाव है हिन्दी विकास की भाषा हिन्दी अभिव्यक्ति की भाषा हिन्दी सरल, सहज भाव है हिन्दी विकास की भाषा हिन्दी अभिव्यक्ति की भाषा हिन्दी
औरत तो सदियों पहले ही बोनसाई बना दी गई थी, औरत तो सदियों पहले ही बोनसाई बना दी गई थी,
बेटियाँ धान-सी होती हैं पक जाने पर जिन्हें कट जाना होता है जड़ से अपनी बेटियाँ धान-सी होती हैं पक जाने पर जिन्हें कट जाना होता है जड़ से अपनी
माँ कभी भी केवल माँ नहीं रहती वह भाई-बहन, पिता-दादा दादी-नानी और न जाने क्या-क्या बन अनाम रिश्तो... माँ कभी भी केवल माँ नहीं रहती वह भाई-बहन, पिता-दादा दादी-नानी और न जाने क्या-...